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Thread: மனதைக் கவரும் மதுர கானங்கள் - பாகம் 5

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    Senior Member Seasoned Hubber
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    Waheeda Rahman (Lata Mangheshkar)/Sanjeev Kumar (K.J. Yesudas)/
    Lyrics: Sahir Ludhianvi/Music: The one and only Khayyam Ji/Raag Yaman


    आप की महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते है घटा
    आप की महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते है घटा
    आप की मदभरी आंखो को कंवल कहते है
    आप की मदभरी आंखो को कंवल कहते है

    मै तो कुछ भी नही तुम को हसी लगाती हु
    इस को चाहत भरी नज़रो का अमल कहते है
    इस को चाहत भरी नज़रो का अमल कहते है

    एक हम ही नही एक हम ही नही
    सब देखने वाले तुम को
    संग-ए-मर्मर पे लिखी शोख ग़ज़ल कहते है

    ऐसी बाते ना करो जिन का यकीन मुश्किल हो
    ऐसी तारीफ़ को नियत का खलल कहते है

    आप की मदभरी आंखो को कंवल कहते है
    आप की मदभरी आंखो को कंवल कहते है

    मेरी तक़दीर की तुम ने मुझे अपना समझा..
    इस को सदियो की तमन्नाओ का फल कहते है..


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